यह कौन है
जो
पसीने-से लथपथ
दिन भर की थकन से चूर
माथे की लाल बिंदी,
ताड़ के पेड़ों जैसे लम्बे झुमके
और हरी चूनर उतार
उतर रही है रात के जल में
रोज देखता हूँ इसे
यूँ ही ख़ामोशी-से गुम होते
और अगली सुबह
सूरज संग सज-संवर कर लौटते हुए
कौन है यह ?
- © नील कमल 19.02.2016
तस्वीर श्री Girindranath Jha जी के फेसबुक वाल से साभार
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