Thursday, 15 November 2012

इस दिवाली


माना तूने 
इस दिवाली 
तैयारी की है -
सूरज की आँखें  चौधियाने की ,
माना आज 
वो चाँद भी तेरी 
रौशनी से ही रौशन होगा  ....


बस एक गुजारिश मान मेरी 


एक दीया उनके घर देना -
जिनके चौबारे 
सूरज भी उजाले नहीं फेंकता   

दर पर उनके एक दीया -
देहरी से जिनकी 
रौशनी ने बेवफाई की है ...

एक दीया उनके घर भी -
जो अपनी आरजुओं की 
मिल्कीयत  से भी 
बेदखल रहे ......
चाहा कभी जो जुगनू पकड़े 
किस्मत रूठी  , विफल रहे ........


है यही गुज़ारिश 
बस इतनी - सी 


देखना उनकी दुआएँ तेरी 
रौशनी से चुन्धयाई 
इन आँखों में 
नमकीन - सी एक 
चमक लाएगी ............
                                                    - नील कमल 
                                                              13/11/2012  06:45 pm 



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