माना तूने
इस दिवाली
तैयारी की है -
सूरज की आँखें चौधियाने की ,
माना आज
वो चाँद भी तेरी
रौशनी से ही रौशन होगा ....
बस एक गुजारिश मान मेरी
एक दीया उनके घर देना -

सूरज भी उजाले नहीं फेंकता
दर पर उनके एक दीया -
देहरी से जिनकी
रौशनी ने बेवफाई की है ...
एक दीया उनके घर भी -
जो अपनी आरजुओं की
मिल्कीयत से भी
बेदखल रहे ......
चाहा कभी जो जुगनू पकड़े
किस्मत रूठी , विफल रहे ........
है यही गुज़ारिश
बस इतनी - सी
देखना उनकी दुआएँ तेरी
रौशनी से चुन्धयाई
इन आँखों में
नमकीन - सी एक
चमक लाएगी ............
- नील कमल
13/11/2012 06:45 pm
Superb bhaiya.:-)
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