Monday, 29 October 2012

अँगराईयाँ - रुबाईयाँ

कुछ दिन  पहले  -
जीवन में मेरे , 
थी ये घटना  घटी 

मैं किसी की  
अँगराईयों  पर हुआ  फ़िदा  , 
और  वो -
मेरी रुबाईयों पर  मर मिटी 


कुछ दिन  पहले  -
जीवन में मेरे , 
थी ये घटना  घटी 

दिन बीता  , रातें  बदली ,
यारियाँ चलती रही 
अँगराईयाँ - रुबाईयाँ
एक  - दूजे में ढलती रही 

पर अहर्निश कोई 
अँगराई ले - मुमकिन नहीं 
और कोई बस रुबाई रचे 
ये भी तो संभव नही 

वक़्त बीता ,
धीरे - धीरे मोह की बदली   छटी ,
और कुछ इस तरह -
हम दोनों  की दुनिया लुटी 


कुछ दिन  पहले  -
जीवन में मेरे , 
थी ये घटना  घटी ..


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