कुछ दिन पहले -
जीवन में मेरे ,
थी ये घटना घटी
मैं किसी की
अँगराईयों पर हुआ फ़िदा ,
और वो -
मेरी रुबाईयों पर मर मिटी
कुछ दिन पहले -
जीवन में मेरे ,
थी ये घटना घटी
दिन बीता , रातें बदली ,
यारियाँ चलती रही
अँगराईयाँ - रुबाईयाँ
एक - दूजे में ढलती रही
पर अहर्निश कोई
अँगराई ले - मुमकिन नहीं
और कोई बस रुबाई रचे
ये भी तो संभव नही
वक़्त बीता ,
धीरे - धीरे मोह की बदली छटी ,
और कुछ इस तरह -
हम दोनों की दुनिया लुटी
कुछ दिन पहले -
जीवन में मेरे ,
थी ये घटना घटी ..
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