तमन्नाए भटकती हैं -
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
दुत्कारी जाती , ठुकरायी जाती ,
पुचकारी जाती , भगायी जाती ,
वक़्त की बेरहमी मे
तोड़ी और मरोड़ी जाती ,
पर फिर भी
तमन्नाए भटकती हैं -
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
किसी शहर में, किसी मोड़ पर
कोई तो होगा ऐसा -
जो खोकर खुद को
उसमे मिले
और बस उसको पूरा कर दे ,
उसी प्रियतम से मिलने को
भटक रही है अबतक -
सीने में एक विश्वास लिए ...
तमन्नाए भटकती हैं -
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
दुत्कारी जाती , ठुकरायी जाती ,
पुचकारी जाती , भगायी जाती ,
वक़्त की बेरहमी मे
तोड़ी और मरोड़ी जाती ,
पर फिर भी
तमन्नाए भटकती हैं -
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
किसी शहर में, किसी मोड़ पर
कोई तो होगा ऐसा -
जो खोकर खुद को
उसमे मिले
और बस उसको पूरा कर दे ,
उसी प्रियतम से मिलने को
भटक रही है अबतक -
सीने में एक विश्वास लिए ...
तमन्नाए भटकती हैं -
ताउम्र
पूरी होने की आस लिए ...
- नील कमल
12/12/12