Wednesday 31 August 2016

लप्रेक सा कुछ -06

अरसे बाद फेसबुक पर अपना एक फोटो अपलोड किया था उसने । सेल्फ़ी थी वो। पाउट करते वक्त उसके कानों की गोल बालियाँ चमक उठीं थीं । बैक ग्राउंड में हरियाली थी, सन्नाटा था और दूर सूरज विदा ले रहा था । मैसेज कर बताया था उसने - फेसबुक पर फोटो डाला है अपना, देखकर बताना कैसी तस्वीर है ? पर प्लीज कोई कविता मत लिख देना । गुस्से में कोई रिप्लाई नहीं किया था मैंने । यूँ तो मेरी कविता की फरमाईश रहती है मैडम को पर फोटो पर लिखने से मना कर रही है । आधे घण्टे बाद कॉल किया उसने -"नो रिप्लाई मिस्टर?"
"तुमने ही मना किया था "
"तो अब कह दो"
"आई लव यू"

देर तक एक सन्नाटा पसरा रहा हमारे बीच ।वो मेरे लफ्जों के मायने समझती थी और मैं उसकी चुप्पी पढ़ सकता था ।

"क्या सचमुच तस्वीर इतनी सुंदर है ?"-उसने चुप्पी तोड़ी ।
"नहीं ! मुझे तुम्हारे सोने की बालियों से प्यार हो गया है ।"

दोनों ठठाकर हंस पड़े थे ।

उसने 'शेयर योर मेमोरी' में आज अपनी वही तस्वीर शेयर की है । फेसबुक बता रहा है कि आज पांच बरस बीत गए हैं ।


 #लप्रेक सा कुछ -06

© नील कमल  31.08.2016

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